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सिगनल एंड टेलीकॉम विभाग के लिए यह वर्ष रहा उपलब्धियों भरा, विभाग को मिली सिगनल एंड टेलीकॉम दक्षता शील्ड
रतलाम, 17 अप्रैल। कहा जाता है कि यदि आपका काम अच्छा है तो इनाम भी
अच्छा ही मिलेगा। इसी को चरितार्थ किया है रतलाम मंडल की सिगनल एंड
टेलीकॉम विभाग ने।
मंडल रेल प्रबंधक रतलाम श्री अश्वनी कुमार के सशक्त निर्देशन एवं
वरिष्ठ मंडल संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री आर.एस. मीना के कुशल
नेतृत्व में संकेत एवं दूरसंचार विभाग के अन्य अधिकारियों एवं
कर्मचारियों ने बेहतर कार्य क्षमता का प्रदर्शन करते हुए संरक्षा,
सुरक्षा, यात्री सुविधा के साथ ही अधोसंरचनात्मक विकास के क्षेत्र में
किये गये नवोन्मेषी कार्यों में उत्कृष्टता हासिल की। और इसी का
प्रतिफल है कि वर्ष 2024-25 का सिगनल एंड टेलीकॉम विभाग की दक्षता शील्ड
।
वर्ष 2024-25 में रतलाम मंडल का सिगनल एंड टेलीकॉम विभाग ने कई सारी
उपलब्धियों को हासिल किया है जिसमें एक वर्ष में सबसे अधिक स्टेशनों का
ई.आई(इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग), दुर्घटना रोधी कवच सिस्टम का ट्रायल,
गोधरा - दाहोद के मध्य कांसुधी- चंचेलाव- संतरोड-पिपलोद स्टेशनों के
मध्य ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त
अन्य प्रमुख कार्य भी किये गये।
इस वर्ष में गोधरा नागदा के मध्य तीन स्टेशनों और नागदा भोपाल के मध्य
चार स्टेशनों कुल मिलाकर 7 स्टेशनों(पिपलोद, जेकोट, मंगल महुडी कालीसिंध
पिंगलेश्वर, बोलाई एवं ताजपुर )पर अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग
लगाने का कार्य किया गया जो कि अभी तक का एक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इसी क्रम में ताजपुर स्टेशन पर डायरेक्ट ड्राइव का इलेक्ट्रॉनिक
इंटरलॉकिंग लगाया गया जो कि भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम है तथा
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की सबसे नवीनतम तकनीकी है।
हेड टू हेड कोलिजन सहित अन्य प्रकार के दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नागद
से गोधरा के मध्य दुर्घटना रोधी कवच सिस्टम लगाने का कार्य शीघ्रता से
किया जा रहा है। गोधरा से नागदा के मध्य दुर्घटना रोधी कवच सिस्टम का
लोको ट्रायल 186 किलोमीटर पर किया गया है। रतलाम मंडल में कुल मिलाकर 232
किलोमीटर खंड पर कवच का लोको ट्रायल कर लिया गया है।
रेलवे ट्रैक की महत्तम उपयोगिता एवं सुरक्षित ट्रेन परिचालन को देखते
हुए नागदा-गोधरा खंड में ऑटोमेटिक ब्लॉक सिगनलिंग प्रणाली का कार्य किया
जा रहा है। इसी कार्य के तहत गोधरा से दाहोद के मध्य कांसुधी से पिपलोद
स्टेशन तक लगभग पर 28 किलोमीटर के क्षेत्र को ऑटोमेटिक सिगनलिंग से युक्त
कर दिया गया है । एक साथ 28 किलोमीटर ब्लॉक सेक्शन में ऑटोमेटिक
सिगनलिंग सिस्टम को आरंभ कर पश्चिम रेलवे पर रतलाम मंडल इस प्रकार की
उपलब्धि हासिल करने वाला प्रथम मंडल बन गया । एक साथ इसी कार्य में लगभग
66 ट्रैक सेक्शन में एक्सेल काउंटर के साथ 265 डीपी लगाने का कार्य भी
किया गया है तथा लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 74 और 98 को इंटरलॉक किया गया।
रतलाम मंडल के उन्हेंल-असलावदा स्टेशनों के मध्य एक सी श्रेणी के स्टेशन
इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनलिंग का प्रावधान किया गया है जिससे राजस्व की बचत
होगी। निर्माण विभाग के साथ मिलकर राऊ एवं डॉ अंबेडकर नगर के बीच भी
इंटरमीडिएट ब्लॉक सिगनलिंग लगाया गया।
कंस्ट्रक्शन विभाग के साथ कार्य करते हुए नामली- बड़ायला चौरासी एवं
मल्हारगढ़-नीमच खंड में लगभग लगभग 48 किलोमीटर पर डबलिंग का कार्य किया
गया है। चित्तौड़गढ़ स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में अल्टरेशन कर
उसे अधिक लाइनों पर गाड़ी लेने के लिए क्षमता बढ़ाई गई है इसी प्रकार
मक्सी में भी दोनों ओर से अधिकतम लाइनों पर गाड़ी लेने के लिए अल्टरेशन
किया साथ में मशीन साइडिंग का भी प्रावधान किया गया।
संरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु इस वर्ष कुल 12 सिगनलों को राइट हैंड साइड
से सही दिशा लेफ्ट हैंड साइड में लगाया गया, सिगनलिंग व्यवस्था की
उपलब्धता की वृद्धि हेतु कुल 22 नए इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम लगाए
गए । यात्री सुविधा को देखते हुए अमृत स्टेशन की परिकल्पना अनुसार कुल 9
स्टेशनों पर कोच गाइडेंस बोर्ड लगा दिए गए है एवं 02 स्टेशनों पर इनकी
अंतिम टेस्टिंग चल रही है।